दीपावली मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से दीवाली रंगीन पाउडर का प्रयोग कर रंगोली सजाना दीवाली में काफी प्रसि...
दीपावली
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
रंगीन पाउडर का प्रयोग कर रंगोली सजाना दीवाली में काफी प्रसिद्ध है | |
अन्य नाम | दीपावली |
अनुयायी | हिन्दू, सिख, जैन और बौद्ध [1] |
प्रकार | हिन्दू, सांस्कृतिक |
उद्देश्य | धार्मिक निष्ठा, उत्सव |
आरम्भ | धनतेरस, दीवाली से दो दिन पहले |
अंत | भैया दूज, दीवाली के दो दिन बाद |
तिथि | प्रत्येक हिन्दू पंचांग अनुसार अलग, 30 अक्टूबर 2016, रविवार (North India) |
उत्सव | दिया जलना, घर की सजावट, खरीददारी, आतिशबाज़ी, पूजा, उपहार, दावत और मिठाइयाँ |
समान पर्व | काली पूजा, दीपावली (जैन), बंदी छोड़ दिवस |
दीवाली या दीपावली अर्थात "रोशनी का त्योहार" शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिंदू त्योहार है।[2][3] दीवाली भारत के सबसे बड़े और प्रतिभाशाली त्योहारों में से एक है। यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है।[4][5][6]
भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’ यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं[7][8]तथा सिख समुदाय इसे बंदी छोड़ दिवस (en:Bandi Chhor Divas) के रूप में मनाता है।
माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे।[9] अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से उल्लसित था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीए जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्याकी वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। यह पर्व अधिकतरग्रिगेरियन कैलन्डर के अनुसार अक्टूबर या नवंबरमहीने में पड़ता है। दीपावली दीपों का त्योहार है।भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दीवाली यही चरितार्थ करती है- असतो माऽ सद्गमय, तमसो माऽ ज्योतिर्गमय। दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं।
दीवाली नेपाल, भारत,[10] श्रीलंका, म्यांमार,मारीशस, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, सूरीनाम,मलेशिया, सिंगापुर, फिजी, पाकिस्तान औरऑस्ट्रेलिया की बाहरी सीमा पर क्रिसमस द्वीप पर एक सरकारी अवकाश है।
दिवाली नज़ारों, आवाज़ों, कला, और स्वाद का त्योहार है। जिसमें प्रांतानुसार भिन्नता पायी जाती है। |
अनुक्रम
[छुपाएँ]शब्द उत्पत्ति[संपादित करें]
दिवाली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों 'दीप' अर्थात 'दिया' व 'आवली' अर्थात 'लाइन' या 'श्रृंखला' के मिश्रण से हुई है। इसके उत्सव में घरों के द्वारों, घरों व मंदिरों पर लाखों प्रकाशकों को प्रज्वलित किया जाता है। दीपावली जिसे दिवाली भी कहते हैं उसे अन्य भाषाओं में अलग-अलग नामों से पुकार जाता है जैसे : 'दीपावली' (उड़िया), दीपाबॉली'(बंगाली), 'दीपावली' (असमी, कन्नड़,मलयालम:ദീപാവലി, तमिल:தீபாவளி औरतेलुगू), 'दिवाली' (गुजराती, हिन्दी, दिवाली,मराठी:दिवाळी, कोंकणी:दिवाळी,पंजाबी), 'दियारी' (सिंधी:दियारी), और 'तिहार' (नेपाली)।
अनुक्रम
[छुपाएँ]- 2इतिहास कल जान्गे
share...
No comments